ग्यारस 2025 में कब की है|
  • 17 जनवरीसफला एकादशी
  • 31 जनवरीपौष पुत्रदा एकादशी
  • 15 फरवरीषटतिला एकादशी
  • 1 मार्चजया एकादशी
  • 15 मार्चविजया एकादशी
  • 30 मार्चआमलकी एकादशी
  • 14 अप्रैलपापमोचिनी एकादशी
  • 29 अप्रैलकामदा एकादशी
  • 13 मईबरूथिनी एकादशी
  • 29 मईमोहिनी एकादशी
  • 12 जूनअपरा एकादशी
  • 27 जूननिर्जला एकादशी
  • 12 जुलाईयोगिनी एकादशी
  • 26 जुलाईदेवशयनी एकादशी
  • 10 अगस्तकामिका एकादशी
  • 24 अगस्तश्रावण पुत्रदा एकादशी
  • 7 सितंबरअजा एकादशी
  • 21 सितंबरपरिवर्तिनी एकादशी
  • 5 अक्टूबरइन्दिरा एकादशी
  • 19 अक्टूबरपापांकुशा एकादशी
  • 3 नवंबररमा एकादशी
  • 17 नवंबरदेवउठनी एकादशी
  • 1 दिसंबरउत्पन्ना एकादशी
  • 15 दिसंबरमोक्षदा एकादशी
  • 30 दिसंबरसफला एकादशी
Khatu Shyamji Mandir Timings
  • खाटूश्याम मंदिर में दर्शन समय की बात करे तो सर्दी के मौसम में 5:30 पूर्वाह्न से 1:00 अपराह्न और 4:30 अपराह्न 9:00 अपराह्न समय होता है। गर्मीयो के मौसम में 4:30 पूर्वाह्न से 12:30 अपराह्न और 4:00 अपराह्न से 10:00 अपराह्न है। उस समय भक्त खाटूश्याम मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते है
  • खाटू श्याम जी की आरती का समय मंगला आरती
  • सर्दी के मौसम में सुबह 5:30 गर्मीयो के मौसम में सुबह 4:30
  • प्रातह या श्रृंगार आरती उस समय बाबा श्याम को तैयार किया जाता है।
  • सर्दी के मौसम में सुबह 8:00 गर्मीयो के मौसम में सुबह 7:00
  • भोग आरती उस समय बाबा श्याम को भोग, प्रसादम या भोजन परोसा जाता है।
  • सर्दी के मौसम में दोपहर 12:30 गर्मीयो के मौसम दोपहर 12:30
  • संध्या या संध्या आरती शाम को सूर्यास्त की आरती
  • सर्दी के मौसम में शाम 6:30 गर्मीयो के मौसम शाम 7:30
  • शयन आरती रात में मंदिर बंद करने के समय
  • सर्दी के मौसम में रात 8:30 गर्मीयो के मौसम में रात 9:30

KHATU SHYAM JI

JAI BABA JI

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🔥 “Trip ka mood hai? To chalein phir!”

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Par soch rahe ho planning kaun karega? Hotel, transport, budget… headache? Chill karo — hum sab manage kar lenge 💯

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Yeh trip life-time memory banne wali hai! 🗺️✨

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खाटू श्याम का इतिहास

खाटू श्याम का इतिहास में बतादे की पहले खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था। वे बलवान गदाधारी भीम और नाग कन्या मौरवी के पुत्र थे। बचपन से ही उनमें वीर योद्धा बनने के सभी गुण थे। उन्होंने युद्ध करने की कला अपनी मां और श्रीकृष्ण से सीखी थी। उन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या करके तीन बाण प्राप्त किए। ये तीनों बाण उन्हें तीनों लोकों में विजयी बनाने के लिए काफी थे। खाटू श्याम मंदिर की कहानी देखे तो खाटूश्याम मंदिर की उत्पत्ति से जुड़ी कई किंवदंतियों में कहा जाता है कि जब महाभारत की लड़ाई समाप्त हुई थी। तो बर्बरीक का सिर पास के खाटू गांव में दफनाया गया था। कई वर्षों के बाद दफन स्थल अज्ञात रहा मगर बाद में कलियुग शुरू होने के बाद एक दिन एक गाय साइट के पास पहुंची और अचानक उसके थन से दूध निकलने लगा था। ग्रामीण हैरान रह गए और उन्होंने घटना के पास जमीन खोद दी थी। तब उन्हें अंदर दफन बर्बरीक का सिर मिला था।

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Khatushyam Mandir Architecture

खाटूश्याम मंदिर एक समृद्ध वास्तुकला का दावा करता है। उसे चूने के मोर्टार, टाइल, पत्थर और दुर्लभ पत्थर से बनाया गया है। मंदिर मूर्ति के गर्भगृह में देव स्थापित है। मंदिर की दीवारों को सोने की चादरों से खूबसूरती से सजाया गया है। प्रार्थना कक्ष को जगमोहन कहते है जो केंद्र के ठीक बाहर स्थित है। प्रवेश और निकास द्वार संगमरमर से बने हैं और हॉलवे में पौराणिक प्राणियों को चित्रित करने वाली दीवारों पर विस्तृत चित्र हैं। उसके साथ मंदिर परिसर के पास एक सुंदर छोटाबगीचा है

उसको श्याम बागीचा कहते है। प्रार्थना और मूर्तियों के लिए जरुरी फूल यही उद्यान से प्रदान किए जाते हैं। बगीचे के भीतर आलू सिंह नाम के भक्त की समाधि है। श्याम कुंड जहां से भगवान का सिर खोजा गया था। वह मंदिर के बहुत पास स्थित है। उस तालाब में डुबकी लगाते श्रद्धालु पवित्र होते है। गोपीनाथ और गौरीशंकर के दो मंदिर हैं। उसके नजदीक ही स्थित हैं।

मेरे श्याम ! तुम पूछ लेना सुबह से, ना यकीन हो तो शाम से ये दिल धड़कता है सिर्फ बाबा श्याम तेरे ही नाम से।।
।। जय श्री श्याम ।।

रहमतों के फूल बरसते हैं, जब श्याम का दीदार होता हैं, बडे ही किस्मत वाले होते हैं वो,जिनको श्याम से प्यार होता हैं।।
।। जय श्री श्याम ।।

अहिला माँ को लाल है भीम बलि सो वीर जो हार के जावे है दर पे उसकी बदलदे यो तक़दीर ऐसे दयालु है मेरे श्याम बाबा
।। जय श्री श्याम ।।

क्या जरूरत हैं घर से निकलने के पहले मुहूर्त देखने की,मेरे श्याम की सूरत देख लो जरूरत ही नही पड़ेगी
।। जय श्री श्याम ।।

एकादशी स्पेशल : कभी रूठना ना मुझसे सांवरे 


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