Life boring lag rahi hai? Office ka stress satane laga?
Thoda break le yaar — ek trip banta hai!
Par soch rahe ho planning kaun karega? Hotel, transport, budget… headache? Chill karo — hum sab manage kar lenge 💯
Toh ab aur mat socho…
Bas hume contact karo — aur backpack ready rakho!
Yeh trip life-time memory banne wali hai! 🗺️✨
खाटू श्याम का इतिहास में बतादे की पहले खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था। वे बलवान गदाधारी भीम और नाग कन्या मौरवी के पुत्र थे। बचपन से ही उनमें वीर योद्धा बनने के सभी गुण थे। उन्होंने युद्ध करने की कला अपनी मां और श्रीकृष्ण से सीखी थी। उन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या करके तीन बाण प्राप्त किए। ये तीनों बाण उन्हें तीनों लोकों में विजयी बनाने के लिए काफी थे। खाटू श्याम मंदिर की कहानी देखे तो खाटूश्याम मंदिर की उत्पत्ति से जुड़ी कई किंवदंतियों में कहा जाता है कि जब महाभारत की लड़ाई समाप्त हुई थी। तो बर्बरीक का सिर पास के खाटू गांव में दफनाया गया था। कई वर्षों के बाद दफन स्थल अज्ञात रहा मगर बाद में कलियुग शुरू होने के बाद एक दिन एक गाय साइट के पास पहुंची और अचानक उसके थन से दूध निकलने लगा था। ग्रामीण हैरान रह गए और उन्होंने घटना के पास जमीन खोद दी थी। तब उन्हें अंदर दफन बर्बरीक का सिर मिला था।
Read Moreखाटूश्याम मंदिर एक समृद्ध वास्तुकला का दावा करता है। उसे चूने के मोर्टार, टाइल, पत्थर और दुर्लभ पत्थर से बनाया गया है। मंदिर मूर्ति के गर्भगृह में देव स्थापित है। मंदिर की दीवारों को सोने की चादरों से खूबसूरती से सजाया गया है। प्रार्थना कक्ष को जगमोहन कहते है जो केंद्र के ठीक बाहर स्थित है। प्रवेश और निकास द्वार संगमरमर से बने हैं और हॉलवे में पौराणिक प्राणियों को चित्रित करने वाली दीवारों पर विस्तृत चित्र हैं। उसके साथ मंदिर परिसर के पास एक सुंदर छोटाबगीचा है
उसको श्याम बागीचा कहते है। प्रार्थना और मूर्तियों के लिए जरुरी फूल यही उद्यान से प्रदान किए जाते हैं। बगीचे के भीतर आलू सिंह नाम के भक्त की समाधि है। श्याम कुंड जहां से भगवान का सिर खोजा गया था। वह मंदिर के बहुत पास स्थित है। उस तालाब में डुबकी लगाते श्रद्धालु पवित्र होते है। गोपीनाथ और गौरीशंकर के दो मंदिर हैं। उसके नजदीक ही स्थित हैं।