माटी का शरीर तेरा, एक दिन माटी में ही मिल जायेगा,ले शरण बाबा “श्याम” की, तेरा जीवन सफ़ल हो जायेगा।।
।। जय श्री श्याम ।।
साँवरे तेरी एक नजर ने दिल काबू में कर लिया तेरे दीदार का तेरे द्वार का मैं दीवाना हुआ मैं दीवाना हुआ ।।
।। जय श्री श्याम ।।
कली को रंग मिला, फूलों को निखार मिला बहुत खुश नसीब हूँ मैं, जो मुझे श्याम का दरबार मिला।।
।। जय श्री श्याम ।।
नौकर रख ले श्याम हमको भी एक बार बस इतना ही तनखाह देते मेरा सुखी परिवार।।
।। जय श्री श्याम ।।